Book Title:

आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतक

Authors

Manoj Kumar Yadav
In-charge Principal Higher Secondary School Muzaffarpur, Bihar

Keywords:

चिंतक, आधुनिक, भारतीय ग्रामीण, हरियाणा

Synopsis

प्राचीन भारतीय चिन्तन का इतिहास अत्याधिक प्राचीन है। यह वैदिक काल से प्रारम्भ होकर मुगल काल तक माना जाता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुलामी के समय इस भ्रम को फैलाया गया कि प्राचीन भारतीय चिन्तन अति साधारण स्तर का है। कुछ विद्वानों ने इसे आदर्शवादी अन्यावहारिक माना। भारत के वेद पुराण उपनिषद प्राचीन भारतीय चिन्तन के उत्कर्ष उदाहरण है। कौटिल्य का अर्थशास्त्र चिन्तन के आधुनिक स्वरूप का आदर्श उदाहरण है। प्लेटो के समकालीन कौटिल्य का दर्शन व्यावहारिक है। भारतीय चिन्तन व्यावहारिक ही नहीं अत्याधिक उपयोगी है। भारतीय चिन्तन का मूल मानव है व मानव के चारो ओर घूमता है। पाश्चात्य चिन्तन में मानव 18वीं शताब्दी में केन्द्रबिन्दु बना। जबकि भारतीय चिन्तन में यह प्रारम्भ से ही है। भारतीय चिन्तन को विभिन्न नामों से पुकारा जाता है। कभी इसे राजघर्म, राजशास्त्र, दण्डनीति तथा नीतिशास्त्र के नाम से जाना जाता है। पंचतंत्र में इसे नृपतंत्र कहा जाता था।
प्राचीन भारतीय चिन्तन के अनेक स्त्रोत है इसमें मुख्य रूप से प्राचीन साहित्य , वेद पुराण , घर्मशास्त्रों , उपनिषदों, महाकाव्यों , जैन ग्रन्थों तथा बौद्ध जातकों को शामिल किया जाता हैं। इसके अलावा समय-समय पर विभिन्न रचनाओं जैसे अर्थशास्त्र, नीतिशास्त्र,शुकनीति ने भी इसमें योगदान दिया है। इसमें हवेनसांग एवमं फाहयान का विवरण भी उल्लेखनीय है। इसके अतिरिक्त पुरातन अवशेष गुफालेख, शिलालेख, स्तंभलेख, ताम्रलेख आदि को शामिल किया जाता है। प्राचीन भारतीय चिन्तन के स्त्रोत के रूप में मुद्राओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहीं है।
प्राचीन भागतीय चिन्तन में धर्म एवं राजनीति को एक साथ जोड़कर देखा जाता है। इसमें आध्यात्मिकता पर बल है। भारतीय चिन्तन में राज को आवश्यक माना जाता है। इसमें राज का कार्यक्षेत्र अत्यंत व्यापक है। इसमें दण्ड की कठोर की व्यवस्था है। सम्पूर्ण प्राचीन भारतीय चिन्तन का दृष्टिकोण व्यावहारिक हैं और राजा का कार्य क्षेत्र व्यापक है।
चिन्तन का आशय एव महत्व
प्राचीन भारतीय चिन्तन का इतिहास अति प्राचीन है। यह वैदिक काल से प्रारम्भ होकर मुगलकाल तक माना जाता है। आज से हजारों वर्ष पूर्व जब दुनिया में चिन्तन का विस्तार नहीं हो पाया था उस समय भी भारतीय राजनैतिक एवं सामाजिक चिन्तन सर्वोच्च शिखर पर था। यह गौरवशाली परम्परा वैदिक काल से आज तक बनी हुई है।

List of Chapters:

Published

3 January 2023

Series

Details about this monograph

ISBN-13 (15)

978-93-94411-45-6

How to Cite

Kumar Yadav, M. . (2023). आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतक. Shodh Sagar International Publications. https://doi.org/10.36676/978-93-94411-45-6