Chapter Title:
प्रस्तावना
Book Title:
Synopsis
संविधान एक लिखित दस्तावेज होता है, जिसमें शासन व्यवस्था से संबंधित विभिन्न नियम तथा उपनियम होते हैं। संविधान के अनुसार ही सरकार का संचालन किया जाता है। संविधान के अनुसार देश की राजनीतिक व्यवस्था का बुनियादी ढांचा निर्धारित किया जाता है। किसी भी देश का संविधान वहाँ की विधायिका, कार्यपालिका तथा न्यायपालिका के द्वारा शासन के संचालन को निर्धारित करता है। यह उनकी स्थापना, शक्तियों तथा दायित्व का सीमांकन करता है। संविधान जनता और राज्य के बीच संबंधों का विनियमन करता है। संविधान के माध्यम से देश के आदर्शों, उद्देश्यों तथा मूल्यों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है। संविधान में निरंतरता होती है। यह एक जड़ दस्तावेज नहीं है। देश में वर्षों से चली आ रही परंपराएँ भी देश के शासन तथा संविधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। देश की सर्वाेच्च विधि संवैधानिक विधि है। इसी के द्वारा देश की अन्य विधियाँ निर्धारित होती हैं।
संविधान कानून निर्माण करने वाले व्यक्ति को निर्धारित करता है। यह देश में शक्ति के मूल वितरण को निर्धारित करता है। संविधान के अनुसार सरकार का निर्माण तथा निर्धारण किया जाता है। संविधान यह सुनिश्चित करता है कि समाज में निर्णय लेने की शक्ति किसके पास होगी। संविधान के द्वारा समाज को बुनियादी ढाँचा प्राप्त होता है। यह समाज की आकांक्षा तथा लक्ष्यों की अभिव्यक्ति करता है। यह उचित परिस्थितियों में न्यायपूर्ण समाज की स्थापना करता है। संविधान के अंतर्गत राजव्यवस्था के प्रमुख अंगों की स्थापना की जाती है। शासन के प्रमुख अंग कार्यपालिका, विधायिका तथा न्यायपालिका है। संविधान इनकी शक्तियों, दायित्व तथा अधिकारों को निर्धारित करता है। संविधान के द्वारा राज्य के अंगों के अधिकार को निरंकुश तथा तानाशाह होने से रोका जा सकता है। संविधान एक दर्पण के समान है, इससे देश के वर्तमान, भूत और भविष्य की झलक प्राप्त होती है।
Pages
Published
Series
Categories
License

This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial 4.0 International License.