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भारतीय संविधान की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
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Synopsis
भारत सरकार अधिनियम 1858
पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा स्थापित बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल कंपनी के ऊपर अपना नियंत्रण नहीं रख सका। भारत में कंपनी एक गैर जिम्मेदार सरकार की तरह कार्य करती रही जिसके कारण 1857 की क्रान्ति हुई।
फलस्वरूप तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री लार्ड पामर्स्टन ने 12 फरवरी, 1858 ई० को भारत में अच्छे शासन और दोहरे शासन के दोषों को दूर करने के लिए एक विधेयक संसद में प्रस्तुत किया, अप्रैल 1858 में संसद ने दूसरा विधेयक (भारत सरकार अधिनियम, 1858) ‘।बज वित जीम इमजजमत हवअमतदउमदज वप्दिकपं’ अर्थात ‘भारत के शासन को अच्छा बनाने वाला अधिनियम’ के नाम से पारित किया।
यह विधेयक द्वितीय वाचन के बाद पारित हो गया किन्तु कतिपय कारणों से पार्मस्टन को त्याग पत्र देना पड़ा। ध्यातव्य है कि 1 नवम्बर, 1858 को विक्टोरिया ने भारत के संबंध में एक महत्वपूर्ण नीतिगत घोषणा किया था, जिसे भारत के शिक्षित वर्ग द्वारा अपने अधिकारों का मैग्नाकार्टा कहा गया।
अधिनियम की विशेषताएँ
1. इसके तहत भारत का शासन कंपनी से लेकर ब्रिटिश क्राउन के हाथों में सौंपा गया। गवर्नर जनरल का पदनाम बदलकर भारत का “वायसराय” कर दिया गया। वायसराय ब्रिटिश ताज का प्रत्यक्ष प्रतिनिधि बन गया। लार्ड कैनिंग भारत का पहला वायसराय बना।
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