Chapter Title:
संविधान निर्माण की प्रक्रिया
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Synopsis
संविधान सभा का उद्धाटन नियत दिन सोमवार, 09 दिसम्बर, 1946 को प्रातः ग्यारह बजे हुआ। संविधान सभा का सत्र कुछ दिन चलने के बाद नेहरू जी ने 13 दिसम्बर, 1946 ऐतिहासिक उद्देश्य प्रस्ताव पेश किया। सुन्दर शब्दों में तैयार किये गये उद्देश्य प्रस्ताव के प्रारूप में भारत के भावी प्रभुत्तासम्पन्न लोकतांत्रिक गणराज्य की रूपरेखा दी गई थी। इस प्रस्ताव में एक संघीय राज्य व्यवस्था की परिकल्पना की गई थी, जिसमें अवशिष्ट शक्तियां स्वायत्त इकाइयों के पास होती तथा प्रभुत्ता जनता के हाथों में। सभी नागरिको को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक, न्याय, परिस्थिति की, अवसर भी और कानून के समक्ष समानता, विचारधारा, अभिव्यक्ति, विश्वास, आस्था, पूजा, व्यवसाय, संगत और कार्य की स्वतन्त्रता, की गारंटी दी गई और इसके साथ ही अल्पसंख्यकों, पिछड़े तथा जनजातीय क्षेत्रों तथा दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए पर्याप्त श्रक्षा उपाय” रखे गये। इस प्रकार, इस प्रस्ताव ने संविधान सभा को इसके मार्गदर्शी सिद्धान्त तथा दर्शन दिए, जिनके आधार पर इसे संविधान निर्माण का कार्य करना था। अन्ततः 22 जनवरी, 1947 को संविधान सभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया।
संविधान सभा ने संविधान रचना की समस्या के विभिन्न पहलुओं से निपटने के लिए अनेक समितिया नियुक्त की। इनमें संघीय संविधान समितिया शामिल थी। इनमें से कुछ समितियों के अध्यक्ष नेहरू या पटेल थे, जिन्हें संविधान सभा के अध्यक्ष ने संविधान का मूल आधार तैयार करने का श्रेय दिया था। इन समितियों ने बड़े परिश्रम के साथ तथा सुनियोजित ढंग से कार्य किया और अनमोल रिपोर्ट पेश की। संविधान सभा ने तीसरे तथा छठें सत्रों के बीच, मूल अधिकारों, संघीय संविधान, संघीय शक्तियों, प्रान्तीय संविधान अल्पसंख्यको तथा अनुसूचित क्षेत्रों और अनुसूचित जातियो से सम्बन्धित समितियों की रिपोर्टाे पर विचार किया।
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