Chapter Title:
निष्कर्ष
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Synopsis
संविधान लिखित नियमों की ऐसी किताब है जिसे किसी देश में रहने वाले सभी लोग सामूहिक रूप से मानते है। संविधान सर्वाेच्च कानून है। जिससे किसी क्षेत्र में रहने वाले लोगो के बीच के आपसी संबंध तय होने के साथ-साथ लोगो और सरकार के बीच के संबंध भी तय होते है। लोकतंत्र में प्रभुसत्ता जनता में निहित होती है। आदर्शतया जनता ही स्वयं अपने ऊपर शासन करती है। किंतु प्रशासन की बढ़ती हुई जटिलताओं तथा राष्ट्ररूपी राज्यों के बढ़ते हुए आकार के कारण प्रत्यक्ष लोकतंत्र अब संभव नहीं रहा। जनता अपनी प्रभुसत्ता का सबसे पहला तथा सबसे बुनियादी अनुप्रयोग तब करती है, जब वह अपने आप को एक ऐसा संविधान प्रदान करती है जिसमें उन बुनियादी नियमों की रूपरेखा दी जाती है। जिनके अंतर्गत राज्य के विभिन्न अंगो को कतिपय शक्तियां अंतरित की जाती है और जिनका प्रयोग उनके द्वारा किया जाता है। संघीय राज्य व्यवस्था में संविधान संघ स्तर पर और दूसरी ओर राज्यों या इकाइयों के स्तर पर राज्यों के विभिन्न अंगो के बीच शक्तियों का निरूपण, परिसीमन ओर वितरण करता है।
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