Chapter Title:

अधिगम योजनाः अर्थ एवं परिभाषा

Book Title:


Authors

Dr. Ramesh Chander
Assistant Professor

Synopsis

अधिगम योजना का आशय, एक निश्चित समय अवधि के लिए अधिगम के नियोजन हेतु प्रयोग किए जाने वाले दस्तावेज से है। इसका स्वरुप सामान्यतः क्रियात्मक एवं ऑनलाइन होता है लेकिन यह आवश्यक नहीं है। इसका विकास विद्यार्थी द्वारा शिक्षक, अभिभावक एवं परामर्शक के सहयोग से दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन शैक्षिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए सामान्यतः माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय के स्तर पर किया जाता है। लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि इसका विकास सिर्फ माध्यमिक एवं उच्च विद्यालय के स्तर पर ही किया जा सकता है। इसका प्रयोग प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा के स्तर पर भी किया जा सक्ता है। अधिगम योजना के विकास के पीछे यह मान्यता कार्य करती है कि विद्यार्थी स्वयं को शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में अधिक शामिल महसूस करेगी और यदि वो इन बातों का निश्चय कर लें को वो सीखना चाहते हैं, वे कैसे सीखना चाहते हैं तथा उन्हें सीखने की आवश्यकता क्यों पड़ी तो वो, सीखने के लिए अधिक अभिप्रेरित होगी, उनकी विद्यालयी उपलब्धि अधिक होगी, तथा अपने शिक्षा पर अधिक स्वामित्व का अनुभव करेगा। अधिगम योजना व्यक्तिगत भी हो सकता है और पूरी कक्षा के लिए भी हो सकता है। अधिगम योजना का प्रयोग विद्यार्थियों द्वारा सामान्यतः व्यक्तिगत रुप से अपने अधिगम को नियोजित करने के लिए किया जाता है लेकिन इसका प्रयोग समूह में भी किया जा सकता है।
अधिगम योजना के घटक
एक सुनियोजित अधिगम योजना के निम्नलिखित घटक होते हैंः
अधिगम उद्देश्यों का एक समूह
अधिगम उद्देश्यों का एक समूह उन शैक्षिक उद्देश्यों का समूह होता है जिसे एक व्यक्ति या संगठन प्राप्त करना चाहता है। शैक्षिक उद्देश्य दो प्रकार से लिखे जा सकते हैं- दीर्घकालीन उद्देश्य एवं अल्पकालीन उद्देश्य एक बेहतर अधिगम योजना बनाने के लिए दीर्घकालीन उद्देश्यों को ऐसे अल्पकालीन उद्देश्यों, जिन्हें कि एक सप्ताह या एक महीने भर के भीतर प्राप्त किया जा सके, के रुप में परिवर्तित कर के लिखना श्रेयस्कर होता है।

Published

10 May 2022

Series

Details about the available publication format: Paperback

Paperback

ISBN-13 (15)

978-93-94411-20-3

How to Cite

Chander, R. . (Ed.). (2022). अधिगम योजनाः अर्थ एवं परिभाषा. In (Ed.), हिंदी शिक्षाशास्त्र (pp. 33-45). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/31/chapter/172