Chapter Title:
भाषा शिक्षक
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Synopsis
हिन्दी के विशेष सन्दर्भ में भाषा शिक्षक से आशय वर्तमान शताब्दी में इस विषय पर पर्याप्त कार्य हुआ है कि शिक्षकों की सफलता किस बात पर निर्भर करती है। परिणामों में यह देखा गया है कि विद्यार्थी प्रायः योग्य और स्पष्टवादी तथा उचित प्रकार से अपनी बात को अभिव्यक्त करने में कुशल शिक्षकों को पसन्द करते हैं। जो शिक्षक अपने इन विशिष्ट गुणों के साथ-साथ विद्यार्थियों से प्रेम भी करते हैं और उनके कार्यों में रूचि लेते हैं तथा सभी विद्यार्थियों के प्रति निष्पक्ष भाव रखते हैं, बच्चे उनका अपेक्षाकृत अधिक सम्मान करते हैं।
भाषा शिक्षक के गुण
ऽ अपने विषय का पूर्ण ज्ञान
शिक्षक को अपने विषय के सभी क्षेत्रों तथा उससे सम्बन्धित अन्य क्षेत्रों का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। प्रत्येक विषय के विभिनन क्षेत्र आपस में सहसम्बन्धित होते हैं। यदि शिक्षक किसी विषय के एक ही क्षेत्र को पढ़ाता है और वह अपना कार्य तब तक दक्षता के साथ नहीं कर सकता जब तक की उसे उस विषय के विभिन क्षेत्रों का ज्ञान न हो।
ऽ व्यवसाय में दक्षता
शिक्षक को अपने व्यवसाय में दक्ष भी होना चाहिए। शिक्षक को शिक्षण विधि, पाठ सूत्र निर्माण में तथा प्रश्न पूछने में निपण होना चाहिए। अध्यापक को विषय के ज्ञान के साथ-साथ उस ज्ञान को विद्यार्थियों तक पहुँचाने की कला भी आनी चाहिए। एक शिक्षक अपने विषय में दक्ष है इसका यह अर्थ नहीं है कि वह अपने व्यवसाय में भी दक्ष है, उसे व्यवसाय में दक्ष होने के लिए अपने विषय का विद्वान भी होना आवश्यक है। पढ़ाना एक कला है और इस कला में दक्ष होने के लिए प्रशिक्षण आवश्यक है।
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