Chapter Title:

पठन कौशल

Book Title:


Authors

Dr. Ramesh Chander
Assistant Professor

Synopsis

पठन भाषा के चारों कौशलों - सुनना, बोलना, पढना और लिखना में से एक कौशल है। सुनना और बोलना तो बच्चे विद्यालय में आने से पूर्व ही सीख लेते हैं। परन्तु पढ़ना और लिखना सीखने के लिए उन्हें विद्यालय में विधिवत शिक्षा लेनी पड़ती है। भाषा शिक्षा-प्राप्ति का एक महत्वपूर्ण साधन है। भाषा के बिना ज्ञानार्जन नहीं किया जा सकता है। ज्ञान विस्फोट के इस युग में पठन के द्वारा ही अपने ज्ञान को अधुनातन बना सकते हैं।
पठन का महत्व
पठन भाषा ज्ञान का ही नहीं, अपितु समस्त विषयों के ज्ञानार्जन का मुख्य साधन है। इस कारण इसका अर्थ व्यापक हो गया है और वह शिक्षा का पर्याय बन गया है। वस्तुतः पठन शिक्षण की सफलता पर भाषा के अनेक कौशलों का विकास विविध विषयों का ज्ञानार्जन, आनन्द और प्रेरणा की प्राप्ति, बौद्धक और भावात्मक विकास तथा भाषित एवं साहित्यिक योग्यताओं की समृद्धि निर्भर है।
पठन के उद्देश्य
पठन शिक्षण के निम्नवत् उद्देश्य निर्धारित किये जा सकते हैं।
✓ विद्यार्थी सहज रूप से वार्तालाप कर सकते हैं।
✓ विद्यार्थी कहानियों को पढ़कर उसे सुना सकते हैं।
✓ विद्यार्थी वस्तुओं तथा उनके चित्र को देखकर उनका नाम याद कर सकते हैं।
✓ विद्यार्थी समान ध्वनियों में अन्तर कर सकते हैं।
✓ विद्यार्थी पठन कौशल तथा पठन योग्यता की कमियों को दूर कर सकते हैं।
पठन की विधियाँ
ऽ वर्ण विधि
इस विधि के अन्तर्गत वर्णों की सीधे पहचान कराई जाती है। स्वरों और व्यंजनों का लिखित रूप की पहचान कराना और उन्हें उनकी विधियों में वर्णमाला पर विशेष ध्यान दिया जाता है वर्णमाला के पश्चात् बारहखड़ी याद करायी जाती है।

Published

10 May 2022

Series

Details about the available publication format: Paperback

Paperback

ISBN-13 (15)

978-93-94411-20-3

How to Cite

Chander, R. . (Ed.). (2022). पठन कौशल. In (Ed.), हिंदी शिक्षाशास्त्र (pp. 83-89). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/31/chapter/175