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प्रस्तावना
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Synopsis
भूमिका
शैक्षिक प्रौद्योगिकी हमेशा से ही शिक्षा का एक महत्वपूर्ण एवं प्रगतिशील क्षेत्र रहा है। एक ओर शिक्षा मानव में व्यवहारगत परिवर्तन के साथ-साथ उसकी सोच और समझ को विकसित करती है, वहीं साथ ही साथ प्रौद्योगिकी का प्रयोग शिक्षा को सरल, सुग्राही एवं रूचिपूर्ण बनाता है। बाल-केन्द्रित शिक्षा हेतु शैक्षिक प्रौद्योगिकी का महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि शैक्षिक प्रौद्योगिकी की विभिन्न तकनीकों एवं सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से बालक स्वयं ज्ञान का सृजन अपनी रूचि, समय, सुविधा और क्षमता के अनुसार कर सकता है।
शैक्षिक प्रौद्योगिकी का अर्थ, प्रकार, आवश्यकता एवं क्षेत्र का अध्ययन करेंगे तथा शिक्षण अधिगम में आवश्यकतानुसार काम में ली जाने वाली तकनीकी की पहचान कर सकेंगे। शैक्षिक प्रौद्योगिकी के तीन प्रमुख प्रकार हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर एवं प्रणाली उपागम का अध्ययन करेंगे तथा विद्यार्थी-शिक्षक, शिक्षक और समाज के लिए शैक्षिक प्रौद्योगिकी की आवश्यकता एवं महत्व को समझ सकेंगे।
इसके साथ-साथ हम शिक्षा में सूचना प्रौद्योगिकी के साधनों का तथा ई-लर्निंग का उपयोग करना सीखेंगे। सूचना प्रौद्योगिकी के अन्तर्गत सूचनाओं की त्रुटि रहित तरीके से एव तीव्रतम गति से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजने हेतु विभिन्न साधन यथा स्मार्ट फोन, टेबलेट, कम्प्यूटर, लेपटॉप, इंटरनेट इत्यादि का प्रयोग किया जाता है। सूचना प्रौद्योगिकी में प्रौद्योगिकी का उपयोग सूचना की प्राप्ति, संग्रहण, प्रचार-प्रसार एव आदन-प्रदान आदि में किया जा सकता है। विद्यार्थी-शिक्षक मल्टीमीडिया एवं जन संचार के इन सभी साधनों के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। शिक्षा की पहुँच का दायरा बढ़ाने , शिक्षण सामग्री के खर्चों में कमी लाने, साक्षरता दर में वृद्धि करने तथा गरीबी उन्मूलन में सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। ई-लर्निंग का उपयोग करके व्यक्ति किसी भी समय और कहीं भी सीखने को सक्षम बन सकता है। इसके माध्यम से प्रशिक्षण, सूचनाओं की समय पर उपलब्धता और विषय विशेषज्ञों द्वारा निर्देशन भी सरलतापूर्वक प्राप्त किया जा सकता है।
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