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संप्रेषण उपकरणों का शिक्षा में उपयोग
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Synopsis
शैक्षिक साधन विभिन्न सम्प्रेषण उपकरणों का शिक्षा में उपयोग (शिक्षा में तकनीकी) सम्प्रेषण में विभिन्न उपकरणों का उपयोग किया जाता है इन उपकरणों के उपयोग से अधिगम प्रकिया अधिक प्रभावी बन जाती है। आज कम्प्यूटर सहायक अधिगम पर जोर दिया जाता है। विद्यार्थी इंटरनेट के माध्यम से विभिन्न विषयों का ज्ञान स्वयं ही प्राप्त कर लेता है। कक्षा-कक्ष शिक्षण हेतु विभिन्न श्रव्य-दृश्य सहायक उपकरणों का उपयोग किया जाता है। इनके उपयोग से शिक्षक को शिक्षण में सहायता मिलती है। साथ ही विद्यार्थी भी विषय का ज्ञान प्रभावी ढंग से प्राप्त कर पाते हैं और उसका प्राप्त ज्ञान भी अधिक स्थायी रहता है। सम्प्रेषण में निम्नलिखित उपकरणों का उपयोग किया जाता है, जैसे-रेडियो, दूरदर्शन, डिस्प्लेबोर्ड प्रोजेक्टर उपकरण, कम्प्यूटर इत्यादि।
श्वेत ध् श्याम पट्ट -यह एक मुख्य सहायक सामग्री के रूप में काम में लिया जाता है। शिक्षक श्यामपट् पर चित्र, मुख्य बिन्दु लिखकर विद्यार्थियों में शिक्षण के प्रति रुचि पैदा करता है। शिक्षक द्वारा विद्यार्थियों से भी श्यामपट्ट पर लिखवाया जाता है। विज्ञान विषय में चित्र बनाते समय रंगीन चाक पेंसिल का प्रयोग करके शिक्षण को रुचिकर बनाया जा सकता है। प्रारंभिक शिक्षा के विद्यालयों में कक्षा-कक्ष की दीवार को नीचे सी तरफ से श्यामपट का रूप दे दिया जाता है जिस पर विद्यार्थी अपने विचारों को व्यक्त करते रहते हैं। कक्षा के बाहर श्यामपट् पर सूचना, समाचार तथा अनमोल वचन लिखे जाते हैं। विद्यार्थियों के समूह बनाकर उनको प्रतिदिन अनमोल वचन, पहेलियां, समाचार आदि लेखन का कार्य दिया जा सकता है।यह भारत के सभी विद्यालयों में मिलने वाली एक मात्र शैक्षणिक सामग्री है। यह बार-बार प्रयोग किए जाने पर भी खराब नहीं होती है। शिक्षक इसे विविध प्रकार के काम में ले सकते है।
श्वेतपट्ट भी श्यामपट्ट की तरह होता है, इसमें चाक की जगह अस्थायी माकर पेन या वाईट बोर्ड माकर पेन से लिखा जाता है जिसकी लिखावट को बहुत सरलता से मिटाया जा सकता है। आज के समय में श्वेतपट्ट का चलन भी बहुत अधिक होने लगा है इसमें डस्ट अर्थात धूल नहीं उड़ता है। हाथ भी गंदे नहीं होते हैं।
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