Chapter Title:

शैक्षिक प्रबंध

Book Title:


Authors

Dr. Munendra Kumar
Prof. & Head in dept. of Education,Kishan Institute of Teachers Education ,Merrut

Synopsis

शैक्षिक प्रबंध की अवधारणा पर प्रकाश डालने से पूर्व प्रबंध शब्द को समझना नितांत आवश्यक है। प्रबंध मनुष्य की सभी क्रियाओं में अंतर्व्याप्त है। यह सभी प्रकार की सामूहिक और संगठित क्रियाओं को एकीकृत करने की शक्ति है। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अपने सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये सामूहिक प्रयास करते हैं तब उनकी क्रियाओं व प्रयासों को समन्वित किया जाता है। इसके अतिरिक्त संसाधनों को इस तरह से संगठित और उपयोग करना पड़ता है कि अनुकूलतम परिणामों की प्राप्ति हो सके। पूर्वनिर्धारित उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये मानवीय प्रयासों और संसाधनों को एकीकृत करके उन्हें कार्यात्मक एवं फलदायक बनाने की प्रक्रिया ही प्रबंध कहा जाता है। यह संगठनात्मक जीवन की आधारभूत, समन्वयकारी एवं जीवन उत्प्रेरक प्रक्रिया है। जैसे-जैसे संगठित क्रियाओं के क्षेत्र, आकार और जटिलता में वृद्धि होती है वैसे वैसे प्रबंध कार्य की महता बढती है । प्रत्येक शिक्षण संस्थान एक संगठन के रूप में कार्य करता है जिसका उद्देश्य छात्रों के व्यक्तित्व का चहुँमुखी विकास करना होता है। यह संगठन जिन तत्वों से मिलकर बना होता है, वे चार प्रकार के होतें हैं।
1. भोतिक : इसके अंतर्गत विद्यालय भवन, फर्नीचर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, वर्क शॉप, खेल का मैदान, छात्रावास, श्रव्य दृश्य सामग्री आदि सभी आते हैं।
2. मानवीय : इसके अंतर्गत छात्र, शिक्षक , प्रधानाचार्यध् प्राचार्य, प्रबंध कमिटी के सदस्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् विद्यालय पर्यवेक्षक आदि शामिल हैं।
3. वित्तीय : यह किसी शैक्षणिक संस्था के वित्तीय मुद्दों जैसे विद्यालयध्कॉलेज की फीस, अनुदान तथा कोष से सम्बंधित होता है।
4. सैद्धांतिक : शैक्षणिक संस्था को चलने हेतु अन्य तत्व जैसे-समय सारणी, अनुशासन, पाठ्य सहगामी क्रियायें, नियम, सिद्धांत आदि इसके अंतर्गत आतें हैं।

Published

30 March 2022

Series

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Details about the available publication format: Paperback

Paperback

ISBN-13 (15)

978-93-94411-09-8

How to Cite

Kumar, M. . (Ed.). (2022). शैक्षिक प्रबंध. In (Ed.), शैक्षिक तकनीकी एवं प्रबंधन (pp. 101-126). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/59/chapter/326