Book Title:
बाल विकास में समाजीकरण के विभिन्न भागों का प्रभाव एवं परिवार की भूमिका तथा योगदान
Keywords:
विद्यालय, समाजीकरण, संज्ञानात्मक विकास, अनुशासन, शिक्षक, नैतिकता, परिवार, सुरक्षा और प्यार, भावनात्मक विकास, वातावरणSynopsis
बाल विकास एक जटिल और बहुआयामी प्रक्रिया हैए जो बच्चे के जीवन के प्रारंभिक वर्षों में होती है और जिसमें समाजीकरण की प्रमुख भूमिका होती है। इस पुस्तक मेंए हम इस प्रक्रिया के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करेंगे और यह समझेंगे कि समाजीकरण के विभिन्न तत्व बाल विकास में किस प्रकार योगदान करते हैं।
समाजीकरण के विभिन्न पहलुओं का प्रभाव
समाजीकरण के विभिन्न भागों में परिवार, स्कूल, मित्र, समूह और मीडिया शामिल हैं। प्रत्येक तत्व बच्चे के मानसिक, सामाजिक और भावनात्मक विकास पर गहरा प्रभाव डालता है।
1. परिवार ,समाजीकरण की प्रक्रिया में परिवार की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। परिवार न केवल बच्चे को प्राथमिक सामाजिक और नैतिक मूल्य सिखाता हैए बल्कि सुरक्षा और प्यार का भी अनुभव कराता है। बच्चों के व्यवहार, विश्वास और नैतिकता का निर्माण प्रारंभिक रूप से परिवार के वातावरण में ही होता है।
2. विद्यालय, विद्यालय बच्चे के जीवन में दूसरा सबसे महत्वपूर्ण समाजीकरण एजेंट है। यहां बच्चे को सामाजिक नियमए अनुशासन और समूह में काम करने की कला सिखाई जाती है। शिक्षक और सहपाठियों के साथ बातचीत बच्चे के सामाजिक और संज्ञानात्मक विकास में सहायक होती है।
Chapters
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बाल विकास में समाजीकरण के विभिन्न भागों का प्रभाव एवं परिवार की भूमिका
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समाजीकरण के प्रमुख अभिकरण एवं इसके कारक
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समाजीकरण के सिद्धांत
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सामाजिक सीखने का अर्थ, परिभाषा, सीखने की प्रक्रिया को प्रभावित करने वाले कारक
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नेतृत्व की समप्रत्यय, प्रकार व विशेषतायें
References
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उच्चतर समाज मनोविज्ञान (2014), डॉ0 मुहम्मद सुलेमान मोतीलाल बनारसीदास पब्लिकेशन।
आधुनिक सामाजिक मनोविज्ञान (1998), डॉ0 रामजी श्रीवास्तव, डॉ0 काजी आसिम आलम, डॉ0 काजी गौस आलम, मोतीलाल बनारसीदास, पब्लिकेशन।
समाज मनोविज्ञान (1998), डॉ0 रामजी श्रीवास्तव, बद्रीनारायण तिवारी, रमेश चन्द्र दूबे, बानी आनन्द मोतीलाल बनारासीदास पब्लिकेशन।
समाज मनोविज्ञान की रूपरेखा, (2017), डॉ0 अरुण कुमार सिंह, मोतीलाल बनारसीदास पब्लिकेशन
उच्चतर समाज मनोविज्ञान (2014), डॉ0 मुहम्मद सुलेमान मोतीलाल बनारसीदास पब्लिकेशन।
आधुनिक सामाजिक मनोविज्ञान (1998), डॉ0 रामजी श्रीवास्तव, डॉ0 काजी आसिम आलम, डॉ0 काजी गौस आलम, मोतीलाल बनारसीदास, पब्लिकेशन।
समाज मनोविज्ञान (1998), डॉ0 रामजी श्रीवास्तव, बद्रीनारायण तिवारी, रमेश चन्द्र दूबे, बानी आनन्द मोतीलाल बनारासीदास पब्लिकेशन।

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