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समाजीकरण के प्रमुख अभिकरण एवं इसके कारक
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Synopsis
जिस प्रक्रिया से मनुष्य का समाजीकरण होता है, वह अविश्वसनीय रूप से लंबी और जटिल दोनों है। इस अर्थ में, विभिन्न प्रकार के संगठन और समूह योगदान देते हैं। समय-समय पर ये शिक्षण संस्थान विभिन्न प्रकार के विषयों को पढ़ाते हैं। अन्य समय में, वे एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से काम करते हैं और एक दूसरे के साथ पूरक और सहयोग करने के बजाय एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। विभिन्न प्रकार के प्राथमिक और माध्यमिक संस्थान हैं जो बच्चे के समाजीकरण में योगदान करते हैं। प्राथमिक संस्थानों के कुछ उदाहरणों में परिवार, मित्र मंडल, विवाह और रिश्तेदारी समूह और स्कूल शामिल हैं। माध्यमिक संस्थानों के उदाहरणों में धार्मिक, आर्थिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और पेशेवर संगठन शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति इन संस्थानों और संगठनों को अधिक हद तक समायोजित करने में सक्षम होता है, तो उनके सफल समाजीकरण का स्तर बढ़ जाता है।
समाजीकरण की प्रक्रिया एक जटिल है, और इसमें कई अलग-अलग संस्थाओं की भागीदारी शामिल है। इसे दूसरे तरीके से कहें, तो समाजीकरण के विशेष चौनल हैं जो समाज के कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह इस तथ्य के कारण है कि व्यक्ति का समाजीकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो जन्म से मृत्यु तक लगातार होती है। मनुष्यों का मूल सार जानवरों की तरह आत्म-केंद्रित, असभ्य और क्रूर होना है। मानव प्रकृति का यह मौलिक पहलू किसी के परिवार, विस्तारित परिवार, दोस्तों, सहपाठियों और समाज के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत के परिणामस्वरूप परिवर्तन और सुधार के अधीन है।
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