Chapter Title:

मनोवैज्ञानिक लचीलापन

Book Title:


Authors

Dr. Lalit Mohan Sharma
Prof. & Head in dept. of Education, Kishan Institute of Teachers Education, Merrut
Lakshmi Saxena
Assist. Prof. at Shri Krishan Mahavidyalaya, Bagpat

Synopsis

प्रतिकूल परिस्थितियों, आघात, या पर्याप्त जीवन समस्याओं से उबरने और इन अनुभवों के सामने अनुकूलन करने की क्षमता को मनोवैज्ञानिक लचीलापन के प में जाना जाता है। यह एक सतत प्रक्रिया है जो तनाव के संपर्क और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों की उपस्थिति के बावजूद किसी के मानसिक और भावनात्मक कल्याण को बनाए राने की क्षमता पर जोर देती है। क्योंकि लचीलापन किसी के व्यक्तित्व लक्षणों के साथ-साथ एक गुणवत्ता का उत्पाद हो सकता है जिसे समय के साथ बढ़ाया और प्रबलित किया जा सकता है, यह व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य के बीच परस्पर क्रिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि लचीलापन इन दोनों कारकों का उत्पाद हो सकता है। मनोवैज्ञानिक लचीलापन की धारणा की गहन चर्चा, जिसमें उन तरीकों की जांच शामिल है जिनमें विशेष व्यक्तित्व गुण लचीलापन में योगदान कर सकते हैं, साथ ही साथ जिन तरीकों से व्यक्ति बेहतर मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए लचीलापन विकसित कर सकते हैंः
1.    व्यक्तित्व लक्षणों की भूमिकाः चर्चा करें कि आशावाद, अनुकूलनशीलता और भावनात्मक बुद्धिमत्ता जैसे कुछ व्यक्तित्व लक्षण सुरक्षात्मक कारकों के प में कैसे काम कर सकते हैं, जिससे किसी व्यक्ति की प्रतिकूल परिस्थितियों से वापस आने की क्षमता बढ़ जाती है और संभावना बढ़ जाती है कि वे ऐसा करेंगे।
2.    लचीलापन और मानसिक स्वास्थ्यः मानसिक स्वास्थ्य पर लचीलेपन के जबरदस्त प्रभाव की जांच करें और उन तरीकों को उजागर करें जिनमें लचीले लोग तनाव से निपटने, अपनी भावनाओं का प्रबंधन करने और एक अच्छा रवैया राने के लिए बेहतर अनुकूल हैं।

Published

20 October 2023

Series

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Details about the available publication format: Paperback

Paperback

ISBN-13 (15)

978-93-94411-73-9

How to Cite

Sharma, L. M. ., & Saxena, L. (Eds.). (2023). मनोवैज्ञानिक लचीलापन. In (Ed.), व्यक्तित्व और मानसिक स्वास्थ्य कुसमायोजन (pp. 66-75). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/67/chapter/371