Chapter Title:
संबंधित सहित्य की समीक्षा, आवश्यकता एव स्त्रोत
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Synopsis
संबंधित साहित्य की समीक्षा के स्पष्ट उद्देश्यों का वर्णन है। दूसरा भाग अनुसंधायक को पुस्तकालय में उपलब्ध मुख्य व अनुपूरक सूचना स्रोतों का स्थापना, चयन व उपयोग के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है। अन्तिम व तीसरा भाग उस प्रक्रिया से संबंधित है जो अनुसंधायक द्वारा संबंधित साहित्य को व्यवस्थित रूप में एकत्र करने में अपनाई जानी चाहिए। सतत मानव प्रयासों से भूतकाल में एकत्रित ज्ञान का लाभ अनुसंधान में मिलता है। अनुसंधायक द्वारा प्रस्तावित अध्ययन से, प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप में, संबंधित समस्याओं पर पहले किए कार्य से बिना जोड़े, स्वतंत्र रूप से अनुसंधान कार्य नहीं हो सकता। किसी भी अनुसंधान अध्ययन की योजना के महत्त्वपूर्ण कदमों में एक अनुसंधान, पुस्तकों, अनुसंधान विवेचना , शोधलेख व अन्य सूचना खातो की सावधानीपूर्वक समीक्षा है।
समीक्षा के उद्धेश्य
संबंधित साहित्य की समीक्षा निम्न उधेश्य पूर्ण करती है
1. संबंधित साहित्य की समीक्षा से अनुसंधायक को अपने क्षेत्र की सीमा निर्धारण करने में सहायता मिलती है। उसे अपनी समस्या के परिसीमन व उसकी परिभाषा करने में भी सहायता मिलती है। अनुरूपता के वर्णन अन्य द्वारा दिए उदाहरण में अनुसंधायक कह सकता है-
संबंधित साहित्य के ज्ञान से, अनुसंधायक अन्य व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य से पूर्ण परिचित हो जाता है और वह अपने उद्देश्यों का स्पष्ट व संक्षिप्त रूप से वर्णन कर सकता है।
2. संबंधित साहित्य के अध्ययन से अनुसंधायक अलाभप्रद व अनुपयोगी समस्याओं से बच सकता है। वह ऐसे क्षेत्र चुन सकता है जिनमें लाभदायक खोज हो सकेगी और उसके प्रयासों से ज्ञान में सार्थक वृद्धि होगी।
3, संबंधित साहित्य की समीक्षा से वह पहले से ही सिद्ध कार्यों को अनजाने दोहराने से बच सकेगा। यदि अध्ययन के परिणामों की स्थिरता व वैधता भली प्रकार सिद्ध हो चुकी हैं तो उसे दोहराना निरर्थक है।
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