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प्रदत्तों के संकलन के उपकरण एवं तकनीक
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Synopsis
प्रदतों के संकलन के लिए अनुसन्धन-उपकरणों का प्रशासन न्यादर्श के प्रयोज्यों पर किया जाता है। अध्किांशः शैक्षिक अनुसन्धनों में प्रदत्तों का संकलन या तो प्रमाणित परीक्षणांे के द्वारा या स्वयं निर्मित अनुसन्धन-उपकरणों के द्वारा किया जाता है, इस प्रकार वस्तुनिष्ठ प्रदत्त प्राप्त हो जाते हैं, जिसके द्वारा एक अध्ययन में सही परिणाम तक पहुँचा जा सकता है। प्रदत्तों का संकलन, प्रश्नावली, निरीक्षण, साक्षात्कार, परीक्षण तथा अनेक अन्य प्रविध्यिों द्वारा किया जाता है। यह अनुसन्धन का चतुर्थ सोपान होता है।
एक अनुसन्धनकर्ता को यह जानना अत्यन्त आवश्यक है कि कितना और किस प्रकार के प्रदत्तों का संकलन किस स्थान पर और कब किया जाए। अनुसन्धनकर्ता को इस बात का भी ज्ञान होना आवश्यक है कि किस प्रकार के प्रदत्तों के संकलन का मुख्य उद्देश्य अनुसन्धन परिकल्पना को प्रमाणित या उचित रूप में करना है।
प्रदत्तों का अर्थ एवं आवश्यकता
प्रदत्तों का अर्थ है निरीक्षण। वैज्ञानिक शैक्षिक अनुसन्धनों में प्रदत्तों की आवश्यकता पड़ती है। प्रदत्त प्रामाणिक अनुसन्धन उपकरणों या स्वयं निर्मित उपकरणों के द्वारा प्राप्त किये जाते हैं। प्रदत्त परिमाणात्मक एवं गुणात्मक दोनों प्रकार के होते हैं। प्राप्तांक एक व्यक्ति का अंकीय वर्णन करता है, प्राप्तांकों की अपनी विशेषताएँ होती हैं। मापन प्रक्रिया एक चर का परिमाणात्मक रूप से मापन करने में सहायक होती है। प्रदत्त आकृति और प्राप्तांकों के रूप में एकत्रित किये जाते है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि किस प्रकार के उपकरणों के द्वारा प्रदत्तों का संकलन किया जा रहा है। अध्किांशतः परीक्षणों के द्वारा जो प्रदत्त एकत्रित किये जाते हैं, वह प्राप्तांकों के रूप में होते हैं तथा प्रश्नावली से प्राप्त प्रदत्त आकृति के रूप में होते हैं। प्रदत्त वह वस्तु है जिनकी सहायता से हम समझते हैं कि शोध् के निष्कर्ष वैध् तथा विश्वसनीय हैं। इनकी प्रामाणिकता की परख की जा सकती हैं।
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