Chapter Title:
मनो-सामाजिक सहायता: कोविड-19 और आगे
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Synopsis
कोविड-19 दुनिया भर में सभी के लिए एक चुनौतीपूर्ण समय है। यह वैश्विक महामारी न केवल गंभीर चिकित्सा और चिंता का विषय है, बल्कि सभी के लिए मिश्रित भावनाएं और तनाव भी पैदा करती है।
संपूर्ण लॉकडाउन स्थितियों, नियमित कक्षाओं के निलंबन और बाध्ति दिनचर्या ने युवा और बुजुर्ग सभी को समान रूप से प्रभावित किया है। देश भर में छात्रों, परिवारों और शिक्षकों के मनोसामाजिक कल्याण से संबंध्ति मानसिक स्वास्थ्य संबंध्ी चिंताएं हैं। इस महामारी ने शिक्षकों सहित परिवारों, माता-पिता, देखभाल करने वालों में नए रूप में तनाव पैदा किया है। अनिश्चितता अस्पष्टता, तनाव, आशंका और चिंता का कारण बनती है। इस समय चिकित्सा, मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक, सामाजिक और वित्तीय चुनौतियां आई हैं और ऐसे में तनाव और चिंता महसूस करना स्वाभाविक है। प्रतिकूलताओं का सामना करने के लिए व्यक्ति को अनुकूलित करने की आवश्यकता है, और मनोवैज्ञानिक सशक्तता का निर्माण अपेक्षित है।
मनो-सामाजिक सहायता और प्रबंध्न के लिए व्यावहारिक टिप्स और सुझाव:
महामारी के बारे में प्रामाणिक ज्ञान केवल विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त करें, हमारी अध्किांश चिंता का स्रोत ‘अनिश्चित से डर’ और ‘जानकारी की कमी’ है जो हमें अनिश्चित परिस्थितियों के बारे में चिंतित करते हैं। इसलिए, व्यक्तियों को सरकारी वेबसाइटों, पोर्टल और प्रेस विज्ञप्ति जैसे विश्वसनीय स्रोतों से प्रामाणिक जानकारी लेनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, कुछ व्यक्तियों द्वारा पफैलाई जाने वाली अपफवाहों के कारण तनाव का स्तर बढ़ जाता है।
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