Chapter Title:
वैधता और विश्वसनीयता
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Synopsis
वैधता का अर्थ
वैधता से तात्पर्य होता है कि परीक्षण अपने उद्देश्यों की पूर्ति किस सीमा तक करता है। वैधता का सूचांक यह प्रदर्शित करता है कि परीक्षण में स्थायी-त्रुटि की मात्रा कितनी है यदि वैधता का सूचांक अधिक है तो इससे यह माना जाता है कि उस परीक्षण में स्थायी त्रुटि कम है और यदि वैधता सूचांक कम है तो उस परीक्षण में स्थायी त्रुटि अधिक है। शिक्षा और मनोविज्ञान में कोई परीक्षण पूर्णरूप से वैध नहीं होता क्योंकि शिक्षा और मनोविज्ञान में ऐसा परीक्षण नहीं बनाया जा सकता है, जो पूर्णरूप से वैध हो क्योंकि शिक्षा और मनोविज्ञान में ऐसा परीक्षण नहीं बनाया जा सकता जो पूर्ण रूप से उसी का मापन करे जिसके लिए उसका निर्माण किया गया है।
परीक्षण वैधता की परिभाषा
ली जे. वनबैक के अनुसार- “किसी परीक्षण की वैधता उसकी वह सीमा है, जिस सीमा तक वह, वही मापता है, जिसके लिए उसका निर्माण किया गया है”।
आर. एल. थार्नडाइक के अनुसार - “कोई भी मापन-विधि उस सीमा तक वैध है जिस सीमा तक वह उस कार्य के किसी सफल मापन से सह-सम्बन्ध है जिसके विषय में पूर्व कथन हेतु उसकी रचना की गयी है”।
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