Book Title:
शैक्षिक मापन और मूल्यांकन
Keywords:
विकसित प्रविधि, भविष्य, कार्ल पीयरसन, मात्रात्मक आंकलन, व्यक्तिगत भिन्नता, अभिभावक, अध्यापक, प्रशासकSynopsis
हम अपने जीवन के प्रत्येक क्षण अपने चारों ओर हो रहे परिवर्तनों के प्रति सजग रहते हैं तथा उन प्रत्येक परिवर्तनों का मात्रात्मक आंकलन करते हैं जो हमें किसी न किसी प्रकार प्रभावित करते हैं। शिक्षा सतत् गत्यात्मक प्रक्रिया में इससे जुडे़ प्रत्येक व्यक्ति, छात्र, अभिभावक, अध्यापक, प्रशासक तथा नीति निर्माता सदैव किसी न किसी रुप में शिक्षा की चुनौतियां, समस्याएँ तथा समाधान के प्रति चिंतित रहते हैं। किसी भी समस्या के सम्बन्ध में तत्थ्यात्मक जानकारी के अभाव में कोई भी निर्णय त्रुटिपूर्ण हो सकता है। सूचनाओं को वस्तुनिष्ठ, विश्वसनीय तथा वैध तरीके से प्राप्त करने के लिये हमें मापन का सहारा लेना पड़ता है।
मापन का अर्थ- मनोविज्ञान का आधार व्यक्तिगत भिन्नता है। व्यक्तिगत भिन्नता का सही अध्ययन मापन के द्वारा किया जाता है। कार्ल पीयरसन ने व्यक्तिगत भिन्नता को पहचानने तथा उसके स्वरूप के विश्लेषण के लिये वैज्ञानिक तथा अधिक विकसित प्रविधि का विकास किया है। मापन का दर्शन हमें अतीत के सम्बन्ध में जानकारी देता है जिससे वर्तमान को समझने में सहायता मिलती है और भविष्य की समस्याओं के समाधान में मापन का प्रयोग किया जा सकता है।

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