Chapter Title:

परीक्षण की अवधरणा

Book Title:


Authors

Dr. Munendra Kumar
Prof. & Head in dept. of Education, Kishan Institute of Teachers Education, Merrut

Synopsis

परीक्षा तथा मानदण्ड में अक्सर भ्रम हो जाता है। इन दोनों में अन्तर होता है। मानदण्ड परीक्षा उद्देश्यों के मूल्यांकन पर बल देती है जबकि निष्पत्ति परीक्षा पाठ्यवस्तु के मापन को महत्व देती है।

परीक्षण

वह परीक्षण जो निर्माण करने, छात्रों द्वारा उसको हल करने तथा उसका अंकन करने, तीन पक्षों की दृष्टि सरल हो, एक अच्छा परीक्षण कहलाता है। मूल्यांकन में सुविध की दृष्टि से निर्माता को ऐसे परीक्षण की रचना करनी चाहए, जिसे विद्यार्थी अपनी सामयिक परिस्थितियों के अनुकूल प्रभावी ढंग से प्रभावित कर सके। इस इकाई में हम अच्छे परीक्षण के गुणों की विवेचना करेंगे।

परीक्षण की अवधरणा

मापन एक प्रक्रिया  है जिससे विशेषताओं तथा गुणों को परिमाण में बदला जाता है। इसके अन्तर्गत कार्य की तथा परीक्षण अवधि की परिभाषा की जाती है। परीक्षण की परिस्थितियां इस प्रकार की होती हैं जो सही तथा गलत होती हैं। सही को एक अंक दिया जाता है और गलत के लिए शून्य दिया जाता है। इस परीक्षण का आधार आन्तरिक व्यवहार होता है।

परीक्षण के दो रूप होते हैं-

शक्ति परीक्षण - इसमें प्रश्नों के कठिनाई स्तरों में अधिक अन्तर होता है और परीक्षण की अवधि छात्राओं के प्रश्नों के हल करने पर निर्भर होती है कि उतनी अवधि  में अधिकांश छात्रा अन्तिम प्रश्न को सरल कर सके।

गति परीक्षण - इस प्रकार के परीक्षण में सभी प्रश्न समान कठिनाई स्तर के होते हैं। सरल करने के लिए समय अवधि इतनी कम होती है कि कोई छात्र अन्तिम प्रश्न तक न पहुँच   सके क्योंकि इस प्रकार के परीक्षण से छात्रों की गति का मान किया जाता है। परीक्षण के प्रश्नों का चयन पद विश्लेषण के आधार पर किया जाता है। प्रत्येक पद के चयन में उसके कठिनाई स्तर तथा विभेदीकरण की शक्ति पर ध्यान दिया जाता है।

Published

31 March 2022

Series

Details about this monograph

ISBN-13 (15)

978-93-94411-11-1

How to Cite

Kumar, M. . (Ed.). (2022). परीक्षण की अवधरणा. In (Ed.), शैक्षिक मापन और मूल्यांकन (pp. 67-87). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/20/chapter/108