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मार्किंग प्रणाली और ग्रेडिंग प्रणाली
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Synopsis
अंक प्रणाली, शिक्षा प्रणाली का एक अभिन्न अंग है। अंक एक प्रकार के प्रदर्शक सूचक हैं, जो छात्रों के ज्ञान तथा विषय वस्तु की जानकारी को प्रदर्शित करते है।
मार्किंग प्रणाली का अर्थ
मार्किंग प्रणाली मूलतः छात्रों के ज्ञान तथा बौद्धिक क्षमताओं का प्रदर्शन सूचक है। साधारण परीक्षा में पूर्णांक 100 आवंटित किये जाते हैं। इसकी अवधरणा यह है कि छात्रों की क्षमताओं को 0 से 100 के पैमाने पर शुद्ध रूप में प्रदर्शित किया जाता है। मानवीय क्षमताए तीन प्रकार की होती हैं- ज्ञानात्मक, भावात्मक तथा क्रियात्मक। मानवीय योग्यताओं का मापन अध्कि संवेदनशील है।
मार्किंग प्रणाली की आवश्यकता
मार्किंग प्रत्येक परीक्षा में की जाती है जिससे छात्रों के अध्गिम तथा ज्ञान कौशल की पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सके। इसकी आवश्यकता निम्नलिखित है-
ऽ छात्रों को मार्किंग की आवश्यकता पड़ती है।
ऽ अध्गिम में अपने शक्तिशाली बिन्दुओं को समझने के लिए।
ऽ अध्गिम में अपने कमजोर बिन्दुओं को समझने के लिए।
ऽ अपने सहपाठियों से अपनी प्रदर्शन क्षमता की तुलना करने के लिए।
ऽ विविध् विषयों में अपनी क्षमतायें जानने के लिए।
ऽ विविध् विषयों में अपनी सीमायें जानने के लिए।
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