Chapter Title:
सत्र प्रणाली वार्षिक प्रणाली और सतत् परीक्षण
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Synopsis
परीक्षा का मूल उद्देश्य छात्र की बौद्धिक क्षमता तथा योग्यता का आकलन तथा मूल्यांकन करना है। यह परीक्षण मौखिक अथवा लिखित, सैद्धांतिक अथवा प्रायोगिक हो सकता है। वर्तमान में भारतवर्ष में दो प्रकार की परीक्षाएं प्रचलित हैं, एक आन्तरिक परीक्षाएं तथा दूसरी बाहरी परीक्षाएं। आन्तरिक परीक्षाएं भी दो प्रकार से आयोजित की जाती हैं- वार्षिक परीक्षा तथा सत्र परीक्षा दोनों प्रकार की परीक्षा के अपने लाभ तथा सीमाए हैं, किन्तु दोनों ही परीक्षा प्रणालियों का एक ही उद्देश्य है कि छात्रों का परीक्षण की सहायता से मूल्यांकन करना तथा अगली कक्षा में प्रोन्नत करके उन्हें उस कक्षा की सफलता का डिप्लोमा, प्रमाण पत्र आदि प्रदान करना। इस अध्याय में हम सत्र परीक्षा तथा वार्षिक परीक्षा के विषय में अध्ययन करेंगे।
वार्षिक परीक्षा प्रणाली का अर्थ
वार्षिक प्रणाली में वर्ष में एक बार संबंध्ति पाठ्यक्रम तथा विषयवस्तु पर शिक्षण संस्थान द्वारा प्रश्न पत्र तैयार करके, अंकों का निर्ध।रण तथा परीक्षा का आयोजन किया जाता है। इस प्रकार की शिक्षण प्रणाली में विद्यार्थियों को वर्ष में एक बार परीक्षा देनी होती है, जिससे बार-बार परीक्षा देने का तनाव नहीं रहता, किन्तु सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की एक बार परीक्षा लेने से छात्रों पर कार्यभार बहुत बढ़ जाता है।
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