Chapter Title:

निदानात्मक परीक्षण और  उपचारात्मक शिक्षण

Book Title:


Authors

Dr. Munendra Kumar
Prof. & Head in dept. of Education, Kishan Institute of Teachers Education, Merrut

Synopsis

निदानात्मक परीक्षण 
निदानात्मक परीक्षाए कमज़ोर  छात्रों के कारणों का पता लगाने के लिए ली जाती हैं। अतः इन परीक्षाओं को लेने से पूर्व यह ज्ञात करना नितान्त आवश्यक है कि कमज़ोर छात्र कौन कौन से हैं। इस के लिए पहले योग्यता की परीक्षाए लेनी आवश्यक हैं।
योग्यता संबंधी  परीक्षा लेने में कई शैक्षणिक विषयों की सहायता ली जा सकती है, क्योंकि कक्षा में जो विषय जाते हैं उनसे यह समझा जाता है कि इनसे छात्रा की योग्यता में वृद्धि होती है। यदि सम्भव हो तो अध्यापक  स्वयं भी इसका निर्माण कर सकता है। योग्यता की परीक्षा लेने के बाद अध्यापक  के समक्ष कक्षा का स्पष्ट चित्र आ जाता है तथा जान जाता है कि कक्षा में कितने छात्रा योग्य, कितने औसत तथा कितने कमज़ोर हैं, और वे छात्रा कौन-कौन से हैं।
निदान शब्द का प्रयोग साधरणतया डाक्टरी विद्या में किया जाता है, जब भी कोई मरीज  डाक्टर के पास चिकित्सा के  लिए आता है तो वह रोग का निदान करने के उपरान्त ही उसकी उपयुक्त चिकित्सा करता है। यदि डाक्टरों की निदान प्रणाली में किसी प्रकार की त्रुटि रह जाती है तो उस रोगी का स्वास्थ्य भी शीघ्रता से ठीक नहीं होता, इसी प्रकार अध्यापक भी यदि किसी विद्यार्थी की कमजोरियों के कारणों का पता लगाने में भूल कर जाये तो उसके  निर्देश भी उतने सफल नहीं होंगे।

Published

31 March 2022

Series

Details about this monograph

ISBN-13 (15)

978-93-94411-11-1

How to Cite

Kumar, M. . (Ed.). (2022). निदानात्मक परीक्षण और  उपचारात्मक शिक्षण. In (Ed.), शैक्षिक मापन और मूल्यांकन (pp. 164-174). Shodh Sagar International Publications. https://books.shodhsagar.org/index.php/books/catalog/book/20/chapter/112