Chapter Title:
क्रियात्मक अनुसंधान की प्रक्रिया
Book Title:
Synopsis
क्रियात्मक अनुसंधान की प्रक्रिया तथा अन्य प्रकार के अनुसंधानों की प्रक्रिया में कोई मूलभूत अन्तर नहीं होता। लगभग वही पद-क्रम इसकी प्रक्रिया में रहता है जो अन्य प्रकार के अनुसंधानों की प्रक्रिया में रहता है। अन्तर इतना होता है कि प्रक्रिया के प्रत्येक स्तर पर जो कार्य किया जाता है वह सीमित, लचीला तथा कठोरता एवं औपचारिकताओं से मुक्त होता है। इन सभी प्रक्रिया-पदों का विस्तार से वर्णन पहले ही किया जा चुका है। यहाँ संक्षेप में क्रियात्मक अनुसंधान के परिप्रेक्ष्य में ही इनका उल्लेख किया जायेगा। इस अनुसंधान की प्रक्रिया को भी वैज्ञानिक रूप देने हेतु निम्न पदक्रम का पालन किया जाता है।
1. समस्या का चयन, कथन एवं परिभाषा
अनुसंधान के लिए यह सबसे पहली आवश्यकता है, परन्तु क्रियात्मक अनुसंधान में समस्याओं को ढूँढ़ना नहीं पड़ता। वे तो अध्यापकों के. प्रशासकों के दैनिक अनुभवों में विद्यमान रहती ही हैं। जो कठिनाइयाँ, बाधाएँ, परेशानियाँ, असंगत नीतियाँ एवं प्रथाएँ उनके सामने आती हैं, वही क्रियात्मक अनुसंधान की समस्याएँ होती हैं। कभी-कभी ऐसा भी संभव होता है कि कोई काम करने की अधिक सशक्त प्रणाली किसी अध्यापक अथवा प्रशासक के मस्तिष्क में आती है तो उसका परीक्षण भी क्रियात्मक अनुसंधान की समस्या हो सकती है। समस्या को खोजने के लिए संबंधित साहित्य का अध्ययन करना तथा यह विचार करना कि वह समस्या मौलिक अथवा नवीन है या नहीं आदि आवश्यक नहीं होता। हाँ! उस समस्या का सही ढंग से कथन करना तथा उसे उसी प्रकार परिभाषित करना आवश्यक होता है जैसे अन्य प्रकार के अनुसंधानों में किया गया है।
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