Chapter Title:
शैक्षिक प्रबंध
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Synopsis
शैक्षिक प्रबंध की अवधारणा पर प्रकाश डालने से पूर्व प्रबंध शब्द को समझना नितांत आवश्यक है। प्रबंध मनुष्य की सभी क्रियाओं में अंतर्व्याप्त है। यह सभी प्रकार की सामूहिक और संगठित क्रियाओं को एकीकृत करने की शक्ति है। जब दो या दो से अधिक व्यक्ति अपने सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये सामूहिक प्रयास करते हैं तब उनकी क्रियाओं व प्रयासों को समन्वित किया जाता है।
भोतिक : इसके अंतर्गत विद्यालय भवन, फर्नीचर, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, वर्क शॉप, खेल का मैदान, छात्रावास, श्रव्य दृश्य सामग्री आदि सभी आते हैं।
मानवीय : इसके अंतर्गत छात्र, शिक्षक , प्रधानाचार्यध् प्राचार्य, प्रबंध कमिटी के सदस्य, शिक्षा विभाग के अधिकारी, प्रसिद्ध शिक्षाविद् विद्यालय पर्यवेक्षक आदि शामिल हैं।
वित्तीय : यह किसी शैक्षणिक संस्था के वित्तीय मुद्दों जैसे विद्यालयध्कॉलेज की फीस, अनुदान तथा कोष से सम्बंधित होता है।
सैद्धांतिक : शैक्षणिक संस्था को चलने हेतु अन्य तत्व जैसे-समय सारणी, अनुशासन, पाठ्य सहगामी क्रियायें, नियम, सिद्धांत आदि इसके अंतर्गत आतें हैं।
परिभाषायें एवं विशेषतायें:
हैरोल्ड कूंटजरू औपचारिक रूप से संगठित वर्गों के साथ तथा उनके द्वारा कार्य करवाने की कला का नाम ही प्रबंध है।
जेम्स एल लुंडी : प्रबंध मुख्यतः विशिष्ट उद्देश्यों की प्राप्ति के लिये दूसरों के प्रयत्नों को नियोजित, समन्वित, प्रेरित और नियंत्रित करने का कार्य है।
ग्लुडक : प्रबंध से आशय किसी संस्था के मानवीय और भौतिक संसाधनों के प्रभावपूर्ण प्रयोग से है।
जार्ज टेरी : प्रबंध लोगों से कार्य करने की कला है।
हेनरी फेयोल : प्रबंध करने से आशय पूर्वानुमान लगाने एवं योजना बनाने, संगठन की व्यवस्था करने, निर्देश
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