Book Title:

सीखना और उसके परिप्रेक्ष्य

Authors

Lakshmi Saxena
Assist. Prof. at Shri Krishan Mahavidyalaya, Bagpat
Dr. Lalit Mohan Sharma
Prof. & Head in dept. of Education, Kishan Institute of Teachers Education, Merrut

Keywords:

अधिगम, अभिप्रेरणा, सीखना या अधिगम, व्यापक सतत्, जीवन पर्यन्त, वातावरण, समायोजित, मनोविज्ञान, जीवन का विकास, सक्रिय प्रतिक्रिया

Synopsis

सीखना या अधिगम एक व्यापक सतत् एवं जीवन पर्यन्त चलनेवाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। मनुष्य जन्म के उपरांत ही सीखना प्रारंभ कर देता है और जीवन भर कुछ न कुछ सीखता रहता है। धीरे-धीरे वह अपने को वातावरण से समायोजित करने का प्रयत्न करता है। इस समायोजन के दौरान वह अपने अनुभवों से अधिक लाभ उठाने का प्रयास करता है। इस प्रक्रिया को मनोविज्ञान में सीखना कहते हैं। जिस व्यक्ति में सीखने की जितनी अधिक शक्ति होती है, उतना ही उसके जीवन का विकास होता है। सीखने की प्रक्रिया में व्यक्ति अनेक क्रियाऐं एवं उपक्रियाऐं करता है। अतः सीखना किसी स्थिति के प्रति सक्रिय प्रतिक्रिया है।
उदाहरणार्थ - छोटे बालक के सामने जलता दीपक ले जानेपर वह दीपक की लौ को पकड़ने का प्रयास करता है। इस प्रयास में उसका हाथ जलने लगता है। वह हाथ को पीछे खींच लेता है। पुनः जब कभी उसके सामने दीपक लाया जाता है तो वह अपने पूर्व अनुभव के आधार पर लौ पकड़ने के लिए, हाथ नहीं बढ़ाता है, वरन् उससे दूर हो जाता है। इसीविचार को स्थिति के प्रति प्रतिक्रिया करना कहते हैं। दूसरे शब्दों में कह सकते हैं कि अनुभव के आधार पर बालक के स्वाभाविक व्यवहार में परिवर्तन हो जाता है।अधिगम का सर्वाेत्तम सोपान अभिप्रेरणा है

List of Chapters:

Published

28 October 2023

Series

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Details about the available publication format: Paperback

Paperback

ISBN-13 (15)

978-93-94411-72-2

How to Cite

Saxena, L. ., & Sharma, L. M. . (Eds.). (2023). सीखना और उसके परिप्रेक्ष्य. Shodh Sagar International Publications. https://doi.org/10.36676/978-93-94411-72-2